Macron Criticized Heavily, France Gives Shock To Pakistan.

मैक्रॉन की आलोचना पड़ी भारी, फ्रांस ने दिया पाकिस्तान को झटका


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New Delhi: फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुअल मैक्रॉन की इस्लामिक आतंकवाद संबंधी बयान के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उनकी आलोचना की थी। इमरान खान ने मैक्रॉन की खुलकर आलोचना की थी। अब इस बयान के खिलाफ फ्रांस ने पाकिस्तान को जोर का झटका दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, जवाबी कार्रवाई में, फ्रांस ने कथित तौर पर मिराज III और मिराज 5 को पाकिस्तान वायु सेना के 5 फाइटर जेट को अपग्रेड करने से मना कर दिया है। हालांकि फ्रांस से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि पेरिस के एक राजनयिक ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा लड़ाकू जेट को अपग्रेड करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है। फ्रांसीसी-इतालवी वायु रक्षा प्रणाली अपग्रेड के लिए भी इसी तरह के अनुरोध को मना कर दिया गया है। पाकिस्तान ने अपनी अगस्ता 90 बी श्रेणी की पनडुब्बियों को वायु-स्वतंत्र प्रणोदन (एआईपी) प्रणालियों के साथ अपग्रेड करने का अनुरोध किया था। यह अपग्रेड पनडुब्बियों को लंबे समय तक पानी के भीतर रहने की क्षमता प्रदान करगा, लेकिन राजनयिक ने कहा कि इसे फ्रांस ने भी खारिज कर दिया है। 

पाकिस्तान वायु सेना के पास फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित लगभग 150 मिराज फाइटर जेट हैं और इसकी नौसेना में तीन अगस्ता 90 बी पनडुब्बियां हैं, जिनके नाम खालिद, साद और हमजा हैं। फाइटर जेट और पनडुब्बियों को अपग्रेड नहीं करने के फ्रांस के फैसले से पाकिस्तान के रक्षा बलों को तगड़ा झटका लगने वाला है। फ्रांसीसी सामानों के बहिष्कार की मांगों पर सहमत होने जा रही पाकिस्तान सरकार को यह करारा झटका है। बड़ा सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अब फ्रांसीसी सामानों का बहिष्कार करेगा? 

पाकिस्तान के तकनीशियनों को अनुमति नहीं 

तकनीकी जानकारी के लीक होने के डर से, राफेल लड़ाकू विमानों के लिए फ्रांस ने पाकिस्तान मूल के तकनीशियनों को विमान के साथ काम करने की अनुमति नहीं दी है, क्योंकि भारत द्वारा राफेल जेट विमानों को अग्रिम पंक्ति में तैनात किया गया है। भारत ने फ्रांस को लगातार समर्थन दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मैक्रॉन के बयान का समर्थन किया था। 

खान ने अन्य मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ मिलकर गैर-मुस्लिम देशों में बढ़ते इस्लामोफोबिया के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया था। धार्मिक राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने मैक्रॉन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। साथ ही फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने और फ्रांसीसी सामानों के बहिष्कार की मांग की है। 


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