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Ajarbejanian Army Shotted Down Russian Military Chopper, Putin Erupted.

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अजरबैजान ने गलती से मार गिराया रूस का हेलीकाप्टर, भड़क उठे पुतिन New Delhi:  अजरबैजान ने आर्मेनिया की सीमा पर एक रूसी सैन्य हेलीकॉप्टर को मार गिराया, जिसके बाद रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन काफी गुस्‍से में हैं। इसको देखते हुए अजरबैजान ने रूस से माफी मांगी है। मास्को में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अजरबैजान ने आर्मेनिया सीमा के पास में एक हेलीकॉप्टर को गोली मार दी थी, जिसमें चालक दल के दो सदस्य मारे गए थे और एक तीसरा घायल हो गया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "अजरबैजान ने इस घटना पर दुख जताया है और माफी मांगी है। उसने इस कदम को एक दुर्घटना बताया और मास्को के खिलाफ कोई उसका कोई ऐसा उद्देश्य नहीं था।" विदेश मंत्रालय ने कहा कि हेलीकॉप्टर अंधेरे के दौरान कम ऊंचाई पर आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच राज्य की सीमा के करीब उड़ रहा था। बयान में कहा गया है, "रूसी वायु सेना के हेलीकॉप्टरों को पहले इस क्षेत्र में नहीं देखा गया था।" बाकू ने कहा कि अर्मेनियाई अलगाववादियों के साथ लड़ाई के बीच अज़रबैजानी बलों ने बढ़े हुए तनाव के कारण फायरिंग का फैसला किया। रूस के एक्‍शन से डरे...

Azerbaijan- Armenian War: Russia Send Its Army Nagorno - Karabakh To Stay 5 Years.

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अजरबैजान-अर्मेनियाई वॉर: रूस ने नागोर्नो-काराबाख में उतारी अपनी सेना New Delhi:  अजरबैजान और अर्मेनियाई सेना के बीच छह सप्ताह से चली आ रही भारी लड़ाई को समाप्त करने के लिए रूस ने युद्धविराम की घोषणा करते हुए नागोर्नो-काराबाख इलाके में अपनी सेना को तैनात कर दिया है। रूस की सेना अब यहां पर करीब 5 साल तक रहेगी और दोनों देशों के बीच शांति समझौते को तैयार करेगी। दोनों देशों के बीच हुए समझौते में लड़ाई में अजरबैजान ने नागोर्नो-कराबाख का जो हिस्‍सा कब्‍जाया था, वह अब उसके ही पास रहेगा। जिसमें एन्क्लेव का दूसरा शहर शुशा भी शामिल है, जिसे अर्मेनियाई लोग शशि कहते हैं। इसके साथ ही अर्मेनियाई सैनिकों को 1 दिसंबर तक अन्य क्षेत्रों के नियंत्रण को छोड़ने के लिए कहा गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यहां पर एक स्थायी राजनीतिक समाधान का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए, जिसने हजारों लोगों को मार दिया है। संघर्षविराम के बाद अज़रबैजान की राजधानी बाकू में समारोहों को शुरू किया, जहां कारों के साथ लोग राष्ट्रीय ध्वज के साथ सड़कों पर उतर आए हैं। हालांकि इस फैसले के बाद आर्मेनिया की राजधानी येरेवन...

Now Russia Is Standing With Armenia In War, Turkey's Foreign Minister Arrived Ajarbejan.

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युद्ध में अर्मेनिया के साथ खड़ा हो गया रूस, तुर्की के विदेश मंत्री पहुंचे अजरबैजान New Delhi:  अर्मेनिया-अजरबैजान में चल रहे युद्ध को महीनेभर से ज्यादा का समय हो चुका है, दोनों देशों में आग के गोले बरस रहे हैं और 5 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। तीन बार युद्ध विराम की कोशिश भी नाकाम हो चुकी है। इस बीच विश्व समुदाय में टेंशन बढ़ गई है। अभी तक बातचीत के रास्ते मामले को सुलझाने की कोशिश करने वाला रूस खुलकर अर्मेनिया के समर्थन में खड़ा हो गया है।  रूस के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यदि अर्मेनिया के क्षेत्र में हमला होता है तो रूस खुलकर अर्मेनिया के साथ लड़ेगा। रूस ने यह बयान अर्मेनिया की ओर से मदद मांगे जाने के बाद दिया है। अर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशनियन ने हाल ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को लैटर लिखकर तुरंत मदद मांगी थी।  रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा, रूस अर्मेनिया को सहायता देगा। पूरी जानकारी बाद में दी जाएगी। हालांकि रूस आर्मेनिया की सहायता करने के लिए सहमत हो गया है, फिर भी इसने युद्धरत पक्षों को तुरंत आग बुझ...

Arminiya-Ajarbejan War: Arminian PM Sends His Own Son In War.

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आर्मीनिया-अजरबैजान वॉर: जंग में पड़ा सैनिकों का टोटा, आर्मीनियाई पीएम ने भेजा अपना बेटा New Delhi:  बीते ठीक 1 महीने से जंगी धमाके झेल रहे नागोरनो-काराबाख से एक ऐसी खबर आई है, जो हिंदुस्तान के हर परिवार, हर नौजवान और देश के हर नेता को जाननी चाहिए। अक्सर कहा जाता है कि नेता सिर्फ नेतागीरी करते हैं, वो अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर या नेता तो बनाते हैं। लेकिन कभी फौजी बनाकर बॉर्डर पर नहीं भेजते। हालांकि आर्मीनिया के सांसद और नेता जो कर रहे हैं, उससे बड़ी सीख लेने की जरूरत है। अजरबैजान और तुर्की की ताकतवर सेना नागोरनो-काराबाख में टारगेट किलिंग कर रही है। चुन-चुनकर सैनिकों पर बम बरसाए जा रहे हैं। हर धमाके में सैनिक शहीद हो रहे हैं। स्कूल से लेकर अस्पताल तक कोहराम मचा हुआ है। सच्चाई है कि अजरबैजान और तुर्की की सेनाएं काराबाख के गांवों पर कब्जा करते जा रहे हैं। कई विशेषज्ञों ने युद्ध के पहले हफ्ते ही ऐलान कर दिया था कि इस जंग में आर्मीनिया की कमर टूट जाएगी, लेकिन आज आर्मीनिया के लोहा इरादों की दुनिया कायल हो गई है। दुनिया में तंज कसा जाता था कि जब देश को जरूरत होती है तो कोई नेता अपने ...