Rajasthan Govt Take Big Decision On School Fees.

स्कूल फीस को लेकर राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, अब ऐसे ली जाएगी फीस


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New Delhi: स्कूल फीस को लेकर राजस्थान के शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसके तहत स्कूल खुलने के बाद विद्यार्थियों से केवल शिक्षण शुल्क यानी ट्यूशन फीस ही ली जाएगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह शुल्क शिक्षण हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप होगा। जैसे सीबीएसई द्वारा कक्षा 9 से 12 के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत कटौती कर 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। इस तरह ली जाने वाली फीस गत सत्र में लिए जाने वाले शिक्षण शुल्क का 70 प्रतिशत ही होगी।  

इसी प्रकार राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 9 से 12 के लिए 40 प्रतिशत पाठ्यक्रम में कटौती कर 60 प्रतिशत पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। इस तरह लिया जाने वाला शुल्क गत सत्र में लिए जाने वाले शिक्षण शुल्क का 60 प्रतिशत ही होगा। इसी तरह विद्यार्थियों से लैब, विकास शुल्क या अन्य गतिविधियों का शुल्क नहीं लिया जाएगा। 

राजस्थान में कोरोना के चलते सरकार ने कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को स्कूल नहीं बुलाने का निर्णय लिया है। इसलिए स्कूल खुलने के बाद पाठ्यक्रम के अनुसार इन कक्षाओं की फीस निर्धारित होगी। स्कूल को फीस लेने के लिए अभिभावकों को मासिक या त्रैमासिक भुगतान का विकल्प देना होगा। स्कूल में यूनिफॉर्म नहीं बदलेगी। वहीं परिवहन का उपयोग करने पर शुल्क लिया जा सकेगा, लेकिन यह गत सत्र से ज्यादा नहीं होगी। 

स्कूल खुलने से पूर्व शुल्क

विभाग ने स्पष्ट किया है कि आनलाइन पढ़ाई के लिए स्कूल 'कैपेसिटी बिल्डिंग फीस' ले सकेंगे। यह शुल्क निर्धारित शिक्षण शुल्क का 60 प्रतिशत होगा। यह कैपेसिटी बिल्डिंग शुल्क समान मासिक किस्तों में लिया जा सकेगा। यदि कोई विद्यार्थी आनलाइन कक्षा नहीं लेता है तो उससे यह शुल्क नहीं लिया जाएगा। 

ट्यूशन फीस का निर्धारण

ट्यूशन फीस फी कमेटी द्वारा निर्धारित की जाएगी। गत वर्ष के निर्धारित शुल्क को नहीं बढ़ाया जा सकेगा। स्कूल अभिभावकों को एकमुश्त फीस जमा कराने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। 

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