Pakistan In Grey List For Next Febuary From FATF, NO Fund For Pakistan.
पाकिस्तान को चीन ने दिया जोर का झटका, FATF की लिस्ट पर सस्पेंस खत्म
New Delhi: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। एफएटीएफ की बैठक में फैसला लिया गया कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा। पाकिस्तान एफएटीएफ के एक्शन प्लान के सभी 27 मापदंडों का पालन करने में नाकामयाब रहा है। हालांकि दिखावे के लिए पाकिस्तान ने हाल ही कुछ प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन एफएटीएफ के आगे इमरान खान और उसके आकाओं की एक न चली।
पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश में लगा हुआ था। वहीं एफएटीएफ प्लेनरी में तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया। तुर्की ने प्रस्ताव दिया कि 27 में से शेष छह मापदंडों को पूरा करने के लिए इंतजार करने की बजाय सदस्यों को पाकिस्तान के अच्छे काम पर विचार करना चाहिए। साथ ही एक एफएटीएफ ऑन-साइट टीम को पाकिस्तान का दौरा करना चाहिए। तुर्की ने कहा कि एफएटीएफ को अपने मूल्यांकन को अंतिम रूप देने के लिए एक बार पाकिस्तान जाना चाहिए।
लेकिन जब इस प्रस्ताव को 38 सदस्यीय प्लेनरी के सामने रखा गया तो किसी भी सदस्य ने इस 'फालतू' के प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी नहीं दी। यानी दुनिया मान चुकी है कि पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगार है और दिखावे के लिए कार्यवाही करता है। खास बात यह रही कि चीन ने भी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया। मलेशिया या सऊदी अरब ने भी इसको मंजूरी नहीं दी। अब एफएटीएफ ने अगले साल फरवरी की अगली समीक्षा तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला किया है।
ग्रे लिस्ट में होने पर बढ़ेगी कंगाली
एफएटीएफ ने कोरोनाकाल को देखते हुए पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट पर फैसला चार महीने के लिए टाल दिया था। पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी मुसीबत ये है कि ग्रे लिस्ट में बने रहने पर उसके लिए आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक और दूसरे अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से कर्ज या आर्थिक मदद लेना मुश्किल हो जाएगा। इससे पहले से ही कंगाल पाकिस्तान की हालत और भी खस्ता हो जाएगी।
कर्ज से दबे पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकलने की कोशिश के तहत अगस्त महीने में 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वित्तीय पाबंदी लगाई थी। इनमें मुंबई हमले का सरगना और जमात-उद दावा प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी शामिल है।
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