Naukari Ke Liye Abhyarthiyo Ka Hinshak Pradharshan,police Ne Dage Aashu Gas Ke Gole.
नौकरी के लिए अभ्यार्थियों का हिंसक प्रदर्शन, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, इंटरनेट कराया बंद
Dungarpur: राजस्थान के NH-8 पर पिछले दो दिनों से जमकर बवाल मचा हुवा है। यहां शिक्षक भर्ती-2018 में टीएसपी क्षेत्र के अनारक्षित पदों पर भर्ती की मांग को लेकर यहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त हिंसा हुई। उपद्रवियों ने हाईवे पर कुछ होटलों और पेट्रोल पंप में तोड़फोड़ की, वहां लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए। पेट्रोल पंप पर खड़े टैंकर में आग लगा दी। वहीँ पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए रबर की गोलियां चलाई हैं। लेकिन प्रदर्शनकारी लगातार पुलिस पर पहाड़ी से पथराव कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर 7 सितम्बर से ही कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
राजस्थान का आदिवासी बहुल इलाका डूंगरपुर पिछले दो दिनों से एक बड़े आन्दोलन का केंद्र बना रहा। जगह-जगह जमकर तोड़फोड़, आगजनी और पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच पथराव की घटनाएं रुक-रुक कर पिछले दो दिनों से हो रही है। प्रदर्शनकारी रबड़ की गुलेल से पुलिस वालों पर ऊपर पहाड़ियों पर बैठकर हमला कर रहे हैं। पुलिस की गाड़ियां उनके निशाने पर है। नतीजा एसपी की गाड़ी सहित 10 सरकारी वाहन आन्दोलनकारियों ने अब तक फूंक डाले। यही नहीं इस गुलेल से पहाड़ियों की छोटी पर बैठकर पत्थरबाजी कर रहे इन लोगों के हमले में एएसपी, डीएसपी, थानेदार समेत 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए। दूसरी तरफ पुलिस द्वारा उन पर रबड़ की गोलियां और आंस गैस चलाकर उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की, जिसने की इन लोगों को और भी भड़का दिया। गुसाई भीड़ ने जब उदयपुर-अहमदाबाद की ओर जाने वाली नेशनल हाईवे- 8 पर कब्जा कर लिया तो जयपुर में बैठी सरकार को भी पूरी तरह हिलाकर रख दिया। गुस्साए आन्दोलनकारियों ने पेट्रोल पम्प सहित कई दुकानों और गाड़ियों में भी आग लगा दी। चूंकि राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में है ऐसे में जब जयपुर पहुंचे कांग्रेस के नए राष्ट्रिय महासचिव रणदीप सुरजेवाला से सवाल किया गया तो उन्होंने शांति बरतकर वार्ता के लिए आगे आने की आन्दोलनकारियों की अपील कर दी। जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी एक ट्वीट करने शांति बनाए रखने की बात कही है।
दरअसल शिक्षक भर्ती-2018 में टीएसपी क्षेत्र के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी अभ्यार्थियों से भरने की मांग को लेकर एसटी वर्ग के अभ्यर्थी पिछले 18 दिनों से नेशनल हाईवे 8 के किनारे कांकरी डूंगरी पर पड़ाव डाले बैठे हैं। मांगें पूरी नहीं होने पर गुरुवार को अभ्यर्थियों ने पहाड़ी से उतर कर हाईवे जाम कर दिया। इन्होंने जहां डूंगरपुर में उदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे को जाम करके उपद्रव किया, वहीँ सिसोद से मोतलीमोड़ के बीच पांच किलोमीटर के क्षेत्र में गुरुवार शाम चार बजे से कब्जा कर रखा है। हाईवे पर कुछ होटलों और पेट्रोल पंप में तोड़फोड़ और पेट्रोल पंप पर खड़े टैंकर में आग लगाने की घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया और पुलिस ने भीड़ के साथ साथ पहाड़ी से पथराव कर रहे लोगों को खदेड़ने के लिए रबर की गोलियां चलायी। हालांकि कई बार प्रशासन ने बातचीत के जरिये मामले को हल करने की कोशिश की लेकिन यह कोशिश बेनतीजा ही रही।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि ये लोग पहले भी मेरे पास अपनी इस मांग को लेकर आये थे और मैंने इससे जुडी क़ानूनी पेचीदगियों से उन्हें वाकिफ कराते हुवे विकल्प तलाश करने की बात कही थी। अदालत तय आरक्षण से ज्यादा भर्तिया नहीं चाहती लेकिन ये उसी जिद्द पर अड़े हैं। कुछ लोग है जो की इन्हें भड़काकर आन्दोलन करवा रहे हैं। ये वो लोग है जो की जब भी कांग्रेस सत्ता में आती है ऐसे ही करते हैं, लेकिन मैं सभी प्रदर्शनकारियों से अपील करता हूं कि वे शांति बनाये रखे, सरकार उनके बातचीत करके इस मसले का हल निकलने के लिए तैयार है।
जाहिर है की सरकार के लिए अदालतों का आरक्षण को लेकर आया फैसला इनकी मांगों को मानने में सबसे ज्यादा मुश्किल साबित हो रहा है। बहरहाल सरकार ने एक बार फिर से इन लोगों के साथ बातचीत की पहल शुरू कर दी है, लेकिन आर पार की लडाई के मूड में आ चुके ये लोग कोरोनाकाल में एक सरकारी नौकरी की आस को इस बार हर कीमत पर पूरी होने से पहले अपने आन्दोलन को ख़त्म करने के मूड में नज़र नहीं आ रहे हैं।
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