Pakistan Me Civil War Start, coup will tomarrow !

पाक में सिविल वॉर का आगाज, तख्तापलट होगा कल या आज!


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New Delhi: इमरान खान को ये गुमान था कि पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम की कुर्सी से कोई भी उन्हें बेदखल नहीं कर सकता। मगर पिछले कुछ दिनों के भीतर हालात इस तरह बदले कि एक चक्रव्यूह के भीतर फंसते चले गए।

नवाज शरीफ, मरियम नवाज, बिलावल भुट्टो., जनरल बाजवा, मसूद अजहर और हाफिस सईद, कहने को ये अलग-अलग नाम हैं, लेकिन हकीकत में ये उस चक्रव्यूह के सात द्वार हैं जिसका घेरा पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम के आसपास दिन-ब-दिन कसता जा रहा है। अब इंतजार उस दिन का है, जब बगावत का ये चक्रव्यूह कर देगा इमरान खान का काम तमाम।

कराची से इस्लामाबाद और लाहौर से मुजफ्फराबाद तक पाकिस्तान में बगावत की ऐसी आग जल रही है, जो ना तो वजीर-ए-आजम इमरान खान के बुझाए बुझ रही है और ना ही ये जनरल बाजवा के संभाले ही संभल रही है। पाकिस्तानी सियासतदानों की मानें तो आज हो या कल मगर इमरान हुकूमत का तख्तापलट अब तय समझिए।

नवाज शरीफ के दामाद और मरियम नवाज के शौहर कैप्टन सफदर की गिरफ्तारी के बाद से ही कराची में मानो कोहराम मचा है। बाजवा की सेना की तानाशाही के खिलाफ सिंध की पुलिस ने बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। मंगलवार को कराची में उस समय अजीबोगरीब नजारा दिखाई दिया, जब पुलिस का सरकार समर्थक और इमरान विरोधी गुट आपस में ही भिड़ गए।

इमरान खान के कट्टर विरोधी मौलाना फजलुर रहमान का आरोप है कि मुल्क में सिर्फ नाम की सरकार है, पाकिस्तान की असली कमान तो जनरल बाजवा के हाथों में ही है। पाकिस्तान की तारीख़ में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी सूबे की पुलिस बगावत का झंडा बुलंद करके अपने मुल्क की सेना के खिलाफ ही खड़ी हो गई हो। अपने आला अफसर के अगवा होने और फिर उनसे कैप्टन सफदर की गिरफ्तारी वारंट पर जबरन दस्तखत कराने से नाराज सिंध पुलिस के सैकड़ों जवान एक साथ छुट्टी पर जा जुके हैं। आरोप है कि बाजवा और इमरान मिलकर विद्रोहियों को रास्ते से हटाने की साजिश रच रहे हैं।

बगावत की ये चिंगारी सिर्फ कराची की हदों तक ही नहीं सिमटी है, बल्कि पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों में भी अब इमरान सरकार के खिलाफ विद्रोह की आवाज तेजी से बुलंद हो रही है। गिलगिट-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे के विरोध में पिछले दस दिनों से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके अलावा पीओके के अलग-अलग शहरों में भी इमरान खान और बाजवा के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। इसे देखकर ये समझना मुश्किल नहीं कि पाकिस्तानी हुक्मरानों के दिन जल्द ही पूरे होने वाले हैं।


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