इमरान खान का ऐलान, पाकिस्तान होगा 'शिया शून्य' !
Pankaj Mishra
नई दिल्ली: इमरान खान के पाकिस्तान में हिंदुओं और इसाईयों पर जुल्म-ओ-ज्यादती तो आम है मगर अब वहां की हुकूमत मुसलमानों के भी खून की प्यासी हो गई है। फर्क बस इतना है कि ये मुसलमान दूसरे मजहबों की तरह अल्पसंख्यक हैं। सुन्नी बाहुल पाकिस्तान में शिया संप्रदाय के मुसलमानों पर भी जुल्म की इंतेहा हो गई है। अगर ऐसे ही सबकुछ चलता रहा तो अगले कुछ सालों में पाकिस्तान में शिया की आबादी हो जाएगी शून्य।
शिया समुदाय के खिलाफ पाकिस्तान के नफरती सौदागर लगातार ज़हर उगल रहे हैं। ज़हर की पाकिस्तान की पाक जमीन से काफिर शियाओं का सफाया करो। ज़हर की शियाओं को चुन-चुनकर इस मुल्क से हमेशा के लिए मिटा डालो और ज़हर की शियाओं पर इतना जुल्म ढाओ की वो हमेशा-हमेशा के लिए पाकिस्तान छोड़कर चले जाएं।
ऐसा नहीं कि शिया समुदाय के खिलाफ पाकिस्तान में अचानक से ये नफरत की आग भड़की है। यहां से शियाओं को हमेशा-हमेशा के लिए मिटा डालने की साजिश कई साल पहले रची गई। पाकिस्तान की हुकूमत से लेकर बड़े-बड़े हुक्मरान इस साजिश का हिस्सा रहे और आजकल इस नफरत की आग को ज्यादा से ज्यादा फैलाने की जिम्मेदारी जिसने उठा रखी है। उसका नाम है सिपाह-ए-सहाबा।
सिपाह ए सहाबा एक आतंकी संगठन है जो पाकिस्तान से शियाओं का वजूद हमेशा-हमेशा के लिए मिटा डालना चाहता है। शुक्रवार को कराची में जो रैली निकाली गई। उसके पीछे भी इसी का हाथ बताया जा रहा है। सिपाह ए सहाबा के नेताओं ने मंच से गैर शियाओं को भड़काने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
पाकिस्तान के शिया मुसलमानओं को अब कुछ नजर नहीं आता या तो सामने सिर्फ घुप्प अंधेरा नजर आता है या फिर नजर आता है। अपनों का वो खून जो जाने कब, कहां और किस दिन किस सड़क पर बहता नजर आए। इनमें से कुछ बदनसीब ऐसे भी हैं जिनकी सालोंसाल तक कोई खबर नहीं आती। हुसैन अहमद हुसैनी भी उन्हीं में से एक है।
साल 2016 में पाकिस्तान पुलिस ने बिना किसी गुनाह के उसे घर से उठाया था लेकिन आज तक वो अपने घर वापस नहीं लौटा। हुसैन की बूढ़ी मां को आज भी अपने जिगर के टुकड़े का इंतजार है। हुसैन की बूढ़ी मां का कहना है कि मेरे तो पहले घर का ताज छिन लिया। क्या बताऊं मैं। पहले शौहर को कत्ल कर दिया। ये जुल्म नहीं तो क्या है कि घर से सोते हुए लोगों को ले जाते हैं और फिर उनको ऐसा मुजरिम बना देते हैं कि कुछ नहीं पता।
जो दर्द हुसैन की मां का है वही आंसू जाहिद हैदर की बीवी और उनके बच्चों की है। जाहिद को भी 2016 में पुलिस ने बिना किसी वजह के घर से गिरफ्तार किया था मगर आज तक ये पता नहीं चल पाया कि वो आखिर है तो है कहां ? उनका कहना है कि मेरे शौहर को दिसंबर 2016 में उठाया था, लेकिन आज तक उनका पता नहीं है कहीं पर भी। मैंने पिटीशन भी लगाई थी मगर वो भी खत्म कर दी है। कुछ बता ही नहीं रहे। कोर्ट जाते हैं, वहां से कुछ पता नहीं चलता।
ये डर पाकिस्तान के हर शिया मुसलमान का है क्योंकि जैसे हालात हैं और जैसी पाकिस्तानी कट्टरपंथियों मौलानाओं की तकरीरें हैं और जैसे मजहबी जहर पाकिस्तान की नसों घुल गया है उससे ये लगने लगा है कि अब पाकिस्तान में हिंदू, सिक्ख, इसाई के बाद शिया मुसलमानों का पूरी तरह से सफाया होगा।
इमरान खान को चैलेंजे देकर, बाजवा की बुजदिल फौजियों के दम से शियाओं का कत्लेआम कर रही हैं। सुन्नी दहशतगर्द जिसमें पाकिस्तानी फौजियों की पूरी मदद मिल रही है। ठीक जनरल जिया के जमाने में जैसा हुआ और जैसे बरसों होता आया। अब एक बार फिर पाकिस्तान में कुछ वैसा ही शुरु हो गया है।
बीते एक महीने में पाकिस्तान में ईशनिंदा के 42 मामले दर्ज किए गए। इनमें ज्यादातर लोग शिया समुदाय के हैं। इनपर पैगंबर मुहम्मद के अपमान का आरोप लगाया गया। पाकिस्तानी पेनल कोड के 295-A और 298 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। शियाओं के साथ अहमदिया और ईसाई समुदाय के लोगों को भी आरोपी बनाया गया।
शियाओं के साथ पाकिस्तान में जैसा सलूक होता है जितनी बेरहमी की जाती है जितने अत्याचार होते हैं उसे देख किसी का भी दिल दहल जाएगा। पाकिस्तान शिया मुसलमानों के लिए कब्रगाह है। पाकिस्तान में बहुसंख्यक मुसलमान सुन्नी हैं। पाकिस्तान की तकरीबन 20 करोड़ की आबादी में लगभग 20 फीसदी हिस्सा शिया मुसलमानों का है। लेकिन पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां शिया समुदाय के लोगों को गायब कर रही है और शियाओं की आबादी लगातार कम होती जा रही है।
पाकिस्तान के सामाजिक कार्यकर्ता राशिद रिजवी की मानें तो पाकिस्तान की सरकार और खुफिया ऐसे शिया पर खास नज़र रखती है जो जियारत के लिए पाकिस्तान जाते हैं। जब ये लोग कर्बला से वापस आते हैं तो पुलिस उन्हें गायब कर देती है।
पाकिस्तान के तकरीबन 20 लाख पाकिस्तानी अलग-अगल शहरों से कर्बला जियारत करने के लिए जाते हैं। अब ये पूरी कन्युनिटी के अंदर खौफ पैदा कर रहे हैं कि वापस लौटेगे तो लापता कर देंगे। ऐसा भी नहीं कि इमरान खान और उसकी सरकार को शिया मुसलमानों के साथ हो रही ज्यादती का इल्म नहीं। इमरान खान बाखबर हैं लेकिन लाचार हैं। सत्ता का सुख छिन जाएगा वरना जो वादा उन्होंने चुनावों से पहले किया था उस पर अमल जरूर करते।
हामीद मीर, पत्रकार का कहना है कि चीफ जस्टिस ने कहा है सुप्रीम कोर्ट में कि काले शीशे वाली गाड़ियां आती है और लोगों को गायब कर देती हैं और फिर उनकी लाशें मिलती हैं। क्या आप ये रोकेंगे सब ?
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री बनने से पहले इमरान खान अपनी चुनावी रैली में अक्सर कहा करते थे कि ये जो हम कर रहे हैं, हमारे लोगों ने जो किया या हमारी एजेंसी ने जो किया। मैं आपको गांरटी देते हैं कि अगर तहरीक-ए-इंसाफ पावर में आई अगर एजेंसी ने किसी इंसान को उठाया तो आप समझिए की मैं रिजाइन करने के लिए तैयार हो जाउंगा। या फिर हम उनको कठघरे में खड़ा करेंगे। मगर सत्ता में आते ही इमरान खान भी दूसरे हुकमरानों की तरह ही शियाओं के खून के प्यासे हो गए। आज सुन्नी दहशतगर्द अपने मंसूबों में कामयाब होने के लिए सारे जतन कर रहे हैं और इमरान खान चुप-चाप तमाशा देख रहे हैं।
Comments
Post a Comment